अहंकार

एक बार पतंग बहुत ऊंचाई पर उड़ रही थी। जब उसने नीचे देखा तो उसे सभी छोटे दिखने लगे।  तब पतंग ने डोर से कहा -

"देखी मेरी उड़ान ,मेरे सामने सभी तुच्छ है।" डोर ने कहा - "इन्हीं तुच्छ लोगों ने तुम्हें ऊंचाइयों पर पहुँचाया है।"

पतंग को डोर की यह बात बिल्कुल अच्छी नहीं लगी। 

पतंग ने डोर से अपना नाता तोड़ लिया।  जैसे ही पतंग डोर से छूटी ,वह हवा में लहराती हुई जमीन पर आ गिरी। 

जमीन पर गिरते ही बच्चों ने पतंग का अस्तित्व ही समाप्त कर दिया। 

MORAL 

जो व्यक्ति ऊंचाइयों पर पहुँचने पर भी नम्र बना रहता है ,उसका अस्तित्व बरकरार रहता है, और जो व्यक्ति अहंकार को अपना लेता है ,उसका अस्तित्व पतंग की तरह समाप्त हो जाता है।